बैसाखी पारंपरिक रूप से हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
फसल काटने के बाद नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है बैसाखी का त्योहार। बैसाखी पर्व वैसे तो पूरे भारत वर्ष में ही मनाया जाता है पर उत्तर भारत और विशेष रूप से पंजाब प्रान्त में बैसाखी का पर्व बहुत उत्साह-उल्लास से मनाया जाता है। वास्तव में बैसाखी एक कृषि पर्व है जब लहलहाते खेत रबी की फसल के रूप में तैयार हो जाते हैं तो प्रकृति की इस देन का और ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए प्राप्त हुई फसल में से अन्न का कुछ अंश अग्नि स्वरुप परमात्मा को अर्पित किया जाता है और इस अन्न का प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है। वहीं नाचते गाते हुए उल्लास पूर्वक बैसाखी के पर्व को मनाया जाता है।
बैसाखी पर्व वैशाख मास में आने से ही इसका नाम भी बैसाखी है जिस दिन सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होता है अर्थात जिस दिन मेष संक्रांति होती है उसी दिन बैसाखी पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन पापमोचनी गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
May your Baisakhi be blessed with the bounty of the season and a harvest of joy and prosperity.
Happy Baisakhi
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