विज्ञान के क्षेत्र में एक युग की समाप्ति, नहीं रहे वैज्ञानिक #Stephenhawking
Stephen Hawking स्टीफन हाकिंग एक ऐसा नाम है जिन्होंने शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद अपने आत्मविश्वास के बल पर स्वयं को विश्व का सबसे अनूठा वैज्ञानिक बनाया जो की विश्व में ना केवल अदभुत लोगो के बल्कि सामान्य लोगो के लिए भी प्रेरणा बनें|
शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद जीने की चाह ने उन्हें एक महान व्यक्ति के रूप में दुनिया के सामने ला दिया जिसका कोई मुकाबला नही है | ईश्वर ने उनको ऐसी बुद्धि प्रदान की है कि वो विश्व के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में जाने जाते है |
वैसे 1960 से ही Stephen Hawking की हालत खराब होना शुरू हो गयी थी और बैसाखियों के सहारे चलने की नौबत आ गयी थी | कुछ महीनों में उनका रोग ओर बढ़ा और धीरे धीरे उनके सारे अंग स्थिर होने लगे | रोग से पीड़ित होने के बावजूद भी वो किसी का सहारा नही लेते थे और अपने दैनिक कामों को भी निरंतर स्वयं करते थे |
1974 में उन्हें डॉक्टरेट की उपाध मिलने के बाद आपेक्षिता का सिद्धांत और पुंज सिद्धांत पर काम करना शुरू कर दिया था | इस तरह इन दोनों सिद्धांतो को मिलाकर उन्होंने महाएकीकृत सिद्धांत बनाया था | उनके इस सिद्धांत से दुनिया भर में उनका नाम हो गया और उनको एक प्रख्यात वैज्ञानिक के रूप में जाना जाता है |
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