Holi /होली is a Hindu spring festival celebrated in the Indian subcontinent, also known as the “festival of colours”.The festival signifies the victory of good over evil, the arrival of spring, end of winter, and for many a festive day to meet others, play and laugh, forget and forgive, and repair broken relationships.It is also celebrated as a thanksgiving for a good harvest.
“इतनी रंग बिरंगी दुनिया, दो आँखों में कैसे आये,
हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये.
ऐसे उजले लोग मिले जो, अंदर से बेहद काले थे,
ऐसे चतुर मिले जो मन से सहज सरल भोले-भाले थे.
ऐसे धनी मिले जो, कंगालो से भी ज्यादा रीते थे,
ऐसे मिले फकीर, जो, सोने के घट में पानी पीते थे.
मिले परायेपन से अपने, अपनेपन से मिले पराये,
हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये.
इतनी रंग बिरंगी दुनिया, दो आँखों में कैसे आये.
जिनको जगत-विजेता समझा, मन के द्वारे हारे निकले,
जो हारे-हारे लगते थे, अंदर से ध्रुव- तारे निकले.
जिनको पतवारे सौंपी थी, वे भँवरो के सूदखोर थे,
जिनको भँवर समझ डरता था, आखिर वही किनारे निकले.
वो मंजिल तक क्या पहँुचे, जिनको रास्ता खुद भटकाए
हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये,
इतनी रंग बिरंगी दुनिया, दो आँखों में कैसे आये…”
आप सभी को होली की शुभकामनाएं।
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